how to start import export business in india in hindi
how to start import export business in india in hindi l भारत में आयात निर्यात व्यवसाय कैसे शुरू करें हिंदी में
अपनी डाइट में हम जो कुछ चीजें यूज करते हैं उनमें से ढेर सारी चीजें बाहर के देशों से इंपोर्ट होती है l और कई चीज़ें बाहर भी एक्सपोर्ट होती है तेल अनाज फर्नीचर मसाले गाड़ियां मोबाइल फोन कपड़े इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और जूते जैसी हजारों चीज़ें हैं जिनका एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनस होता है , और इसे देश की इकोनॉमी फल-फूल रही होती है तो ऐसा हो सकता है कि आपके आस पास ऐसे लोग हो जो एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का काम करते हैं और उन्हें देखकर आपको भी एहसास होता होगा कि इस प्रोसेस में जाया जा सकता है या आपने मन बना लिया है कि करेंगे तो एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का बिजनेस ही करेंगे और कैसे करेंगे क्या तरीके हैं , क्या प्रोसेस है , और किस तरीके से इसकी शुरुआत होगी इन सभी जरूरी सवालों का जवाब आपको इस लेख में मिल जाएगा I इंडियन एक्सपोर्ट इंपोर्ट मार्केट की बात करें तो वह डॉलर का कारोबार है l हालांकि कोरोना और लोगों की वजह से एक्सपोर्ट इंपोर्ट के बिजनेस पर बुरा असर पड़ा था लेकिन फिरसे चीजें बेहतर हुआ है। सवाल यह आता है कि, इंडिया में एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का बिजनस प्रॉफिटेबल है ? तो जवाब है हां। लेकिन यह बहुत सारे फैक्टर्स पर डिपेंड करेगा जैसे एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के लिए सही चीजों का सिलेक्शन, मार्केट रिसर्च, बिजनेस प्लैनिंग I
how to start import export business in india in hindi l भारत में आयात निर्यात व्यवसाय कैसे शुरू करें
1. बिजनेस का नाम और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन
2. ऑफिस और एम्प्लाइज
3. बिजनेस प्रोडक्ट के सिलेक्शन
4. इंवेस्टमेंट
5. बिजनस कैपिटल
1. बिजनेस का नाम और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन
कंपनी बनाने की तरह ही एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बिजनेस के लिए भी ट्रेडमार्क लेना पड़ता है ताकि मार्किट में अपनी आइडेंटी बने अपना ब्रांड बनाने के लिए आपको कंपनीज एक्ट 2013 में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा इसके अलावा आप अपने लिए लोगों पर डिजाइन करवा सकते हैं | इसके अलावा आपको पैन कार्ड अप्लाई करना होगा पैन कार्ड मिल जाने पर आपको आपके नाम पर एक करंट अकाउंट खुलवाना पड़ेगा जिससे आपके सभी फाइनैंशल ट्रांजैक्शन होंगे कंपनी रजिस्टर करवाने के लिए आप प्रोप्राइटर शिप फर्म ,पार्टनरशिप फर्म , एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या फिर पब्लिक लिमिटेड कंपनी में से किसी एक प्रकार के चूना सकते हैं।
इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड की बात करें तो एक्सपोर्ट इंपोर्ट पर शुरू करने के लिए सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट है IEC कोड , यानि इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड जिसके लिए आपको 1) भारत सरकार 2) वाणिज्य मंत्रालय और विदेश व्यापार महानिदेशालय वेबसाइट पर अप्लाई करना पड़ता है । IEC कोड नंबर पाने के लिए एप्लीकेशन फीस के तौर पर सिर्फ दो सौ पचास रुपए लगते हैं I
IEC code
import-export code 1) Government of india
2) ministry of commerce and Directorate General of Foreign trade
website - Directorate General of Foreign Trade (DGFT) पर पूरी जानकारी मिलेगी
Document required for import export code
1)पर्सनल कंपनी पैन कार्ड
2) एप्लिकेशन फोटो
3) करंट बैंक अकाउंट का कैन्सल किया हुआ चेक
4) रेंट एग्रीमेंट
5) इलेक्ट्रीसिटी बिल की कॉफी
IEC Code मिलने के बाद रजिस्ट्रेशन मेंम्बरशिप सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के तरफसे RCMC दिया जाता है। उसके बाद import export business शुरू कर सकते है। IEC code वन टाइम रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। आप सेंट्रल गवर्नमेंट का फायदा भी उठा सकते है।
2. ऑफिस और एम्प्लाइज - :
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का प्रयास करने के लिए आप को ऑफिस तो लेना ही पड़ेगा जहां पर सभी जरूरी चीज से आपको रखनी पड़ेगी l जैसे टेलीफोन कनेक्शन, फोटो कॉपी और फैक्स मशीन बाकी ऑफिशियल काम में इस्तेमाल होने वाली चीजें, इलेक्ट्रिसिटी और पांच से छह लोगों का स्टाफ जो आपके पास की अलग-अलग चीजों को संभालेंगे और जरूरी डॉक्यूमेंटेशन वाले काम पूरे करेंगे दूसरे शहर या देश में भी आपको ऑफिस और स्टाफ रखना पड़ेगा, जिसके लिए भी खर्चा बढ़ेगा इसके अलावा भी आपके पास पासपोर्ट होना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आप जिस भी देश से अपना काम कर रहे हैं वहां आने-जाने के लिए मीटिंग के लिए हमेशा तैयार रहे
3. बिजनेस प्रोडक्ट के सिलेक्शन-:
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का बिजनेस शुरू करन के लिए आपको सही प्रोडक्ट का सिलेक्शन करना होगा क्योंकि अल्टीमेटली आपको पैसा कमाना है इसलिए कि सेक्टर के इस प्रोडक्ट को आप अपने फेस बनाएंगे उसे डिसाइड करने के लिए अच्छे से मार्केट रिसर्च करें अगर आप अपनी लो क्वालिटी में यह बिजनेस करना चाहते हैं तो वहां पर किस चीज की डिमांड है उसमें कितना फायदा है कितना इनवेस्ट करना पड़ेगा यह सभी बातें आपको पता होनी चाहिए तभी आप अपने फैंस को कैलकुलेट कर पाएंगे और फंड का इंतजाम कर पाएंगे
4. इंवेस्टमेंट-:
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के बिजनेस में आप खुद इनवेस्ट करेंगे या अपने लाइसेंस के जरिए इन्वेस्टर अरेंज करेंगे यह पूरे तरीके से आप पर डिपेंड करेगा
5. बिजनस कैपिटल
आपने कौन सी चीज चुनी है और बिजनेस स्किल कितना बढ़ा है इस पर इनवेस्टमेंट डिपेंड करता है । जो लाखों से शुरू होकर के करोड़ों रुपए तक जा सकता है ।
साउथ ईस्ट एशिया और अपने पड़ोसी देशों में तो इंडिया से जेम्स एंड प्रेशियस ,मेटल्स मशीनरी और कंप्यूटर्स ऑर्गेनिक , केमिकल्स, गाड़ियों ( vehicles) फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स , आयरन एंड स्टील, कपड़े और मसाले एक्सपोर्ट होती है। नेपाल भूटान और बांग्लादेश से इंपोर्ट के तौर पर इंडिया में जूस, ऑइल केक्स, जुते गुडस से भरी चीजें हैंडीक्राफ्ट, नूडल्स, वूलन कारपेट, इलायची, एनिमल एंड वेजिटेबल फैट्स ,ऑयल, टेक्सटाइल , कॉटन, नट,ऑरेंज एप्पल , आलू अदरक जैसी ढेर सारी चीजें लाई जाती है। इन सभी चीज़ों की मांग की वैल्यू अलग है और आपका इनवेस्टमेंट भी बहुत हद तक इस पर निर्भर करेगा कि आप क्या चुज कर रहे हैं और वैसे भी बिजनेस में फायदे और नुकसान हमेशा लगा रहता है और अगर आप एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का बिजनेस करने जा रहे हैं तो आपको सभी लोगों से जुड़ना होगा जो आपसे चीजें लेने के बाद आपको पैसे टाइम पर भेजें और टाइम में आपको चीज़ों की सप्लाई भी करें किसी भी कंपनी एक्सपोर्टर्स इंपोर्टर्स से जुड़ने से पहले उनका बैकग्राउंड जरूर से पता करे कि वह इस पर कितने खरे उतरेंगे या फिर उन्होंने किसी और के साथ कोई धोखा तो नहीं किया है क्योंकि हो सकता है कि आपने लाखों का माल एक्सपोर्ट कर दिया या इनपुट के लिए पैसे भेज दिए और आपके पैसे डूब गए तो आप सावधानी रहे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि ऐसे इंसिडेंट बहुत से लोगों के साथ हुए हैं और संभावना भी हमेशा बनी रहती है इसीलिए सतर्क रहे सावधान रहे
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट के बिजनस के लिए आपको ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी का भी पता होना चाहिए इस पर आपकी कौस्टिंग का भी डिपेंड करेगी आप अपना सामान रोड से भिजवाएंगे या ट्रेन से भेज सकते हैं या नहीं बाय एयर चीजें कितनी महंगी पड़ेगी या फिर समंदर से भेजना ही इकलौता रास्ता है इन सब चीजों से आप अपना बजट कैलकुलेट कर सकते हैं। ट्रांसपोर्ट में ही आप अपने बिजनेस भी देख सकते हैं जैसे कि इंडिया के वह वाले इलाके जो भूटान बांग्लादेश नेपाल या व्यापार से बाय रोड कनेक्टेड है वहां पर अपना खुद का ट्रांसपोर्ट बिजनेस खोलना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
अगर आप एक्सपोर्टर है और आपका अपना ट्रांसपोर्ट बिजनेस है तो आप वहां से भी पैसे बचा सकते हैं I
इंडिया से प्रॉफिटेबल प्रोडक्ट की बात करें जिनका सपोर्ट करने में बढ़िया इसको है तो वह है प्रेशियस स्टोंस जेम्स ऐंड जूलरी इंडिया में स्टोंस जेम्स ऐंड जूलरी यह बहुत बड़ा मार्केट है और लार्ज स्केल पर इनका एक्सपोर्ट भी होता है। सालभर में एशिया चाइना यूरोप अमेरिका में इनकी बहुत डिमांड है दुनिया भर में एस्ट्रोलॉजी का कल्चर बढ़ने के चलते यहां से पिछले साल 26 बिलियन डॉलर टोन एक्सपोर्ट हुआ है। पेट्रोलियम प्रोडक्ट की बात की जाए तो इंडिया में बनी पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स कि बाहर के देशों में बहुत मांग है नेपाल बांग्लादेश भूटान और दूसरी डेवलपिंग कंट्रीज में एलपीजी मोटर स्पिरिट ने फैलिन एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसी काफी सारी चीजें एक्सपोर्ट होती है
एक्सपोर्ट की बात आती है तो इंडिया में कई चीज़ें जैसे कि दाल-चावल बूटा राजमा चना गेहूं मिनट जैसे ढेर सारे अनाज साउथ एशिया के साथ-साथ इराक सऊदी अरेबिया इरान और यूंएइ जैसे मिडिल ईस्ट के देशों में भी भेजे जाते हैं।
मेडिसिन एंड ड्रग्स की बात करें तो भारत दुनिया भर में जेनरिक का बहुत बड़ा सप्लायर है और फाइनेंशियल ईयर 2020 2021 में लगभग 25 मिलीयन डॉलर्स का फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किया था इसके अलावा कि हमारे यहां से होम्योपैथी और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट सपोर्ट पेज हो और साथ ही साथ दुनिया भर में इंडिया पांचवां सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश भी है और यहां पर बने डेरी प्रोडक्ट जैसे कि घी बटर पनीर और मिल्क प्रोसेसिंग की बहुत ज्यादा डिमांड है। इसमें ही 1493 करोड़ रुपए के मिल्क प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए गए थे इस लिहाज से इंडियन डेयरी इंडस्ट्री में भी बहुत ज्यादा स्कोप है l इनके अलावा भी लेदर प्रोडक्ट्स मीट प्रोडक्ट स्टाइल और हैंडीक्राफ्ट में भी एक्सपोर्ट बीच का बड़ा बाज़ार है I
इंडिया में अगर इंपोर्ट की बात करें तो गोल्ड पैट्रोलियम प्रोडक्ट्स और टेलिकॉम इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गेनिक केमिकल्स इंडस्ट्रियल मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का बहुत बड़ा मार्केट है ।
गवर्नमेंट स्कीम तो इंपोर्ट एक्सपोर्ट तो सर्च रिजल्ट में आपको काफी सारी जानकारी मिल जाएगी एक्सपोर्ट-इंपोर्ट का विश्वास करने वाले लोग कौन-कौन सी गवर्नमेंट स्कीम का फायदा उठा सकते हैं वैसे इन सारी चीजों के साथ किसी भी इलीगल एक्टिविटी से दूर रहने में भलाई है,क्योंकि न्यूज़ चैनल्स पर अखबारों में अकसर देखने और पढ़ने को मिलता है कि एक्सपोर्ट इंपोर्ट ड्यूटी के बहाने इलीगल चीजें गाड़ियों में ट्रक में या कार्गो शिप इन के जरिए भेजते हुए कस्टम में पकड़ी जाती है ऐसे मैं आपको ध्यान रखना होगा कि आप सभी लोगों से स्प्रेड करें और अपने अंदर भी सही लोगों को काम पर रखें वरना ऐसी किसी भी एक्टिविटी में आपका माल सील हो सकता है लाइसेंस कैंसिल हो सकता है और लाइसेंस होल्डर को जेल तक हो सकती है इसके अलावा भी हम हमेशा कहते हैं कि किसी भी काम को शुरू करने से पहले आप अपनी खुद की रिसर्च और जानकारी आपको हमेशा सावधानी रखेगी और आपका मोरल बूस्टर करेगी क्योंकि इस टाइम हो सकता है काफी सारे लोग प्लान कर रहे हो इस बिजनेस के बारे में समझ में नहीं आ रहा है रास्ता क्या होना चाहिए कैसे शुरूआती जानी चाहिए तो हो सकता है कि यह जानकारी उनकी काफी मदद करें I
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शीर्षक: अपना खुद का आयात-निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका
परिचय: आयात-निर्यात व्यवसाय शुरू करना एक आकर्षक उद्यम हो सकता है, लेकिन इसके लिए सावधानीपूर्वक योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता होती है। इस गाइड में, हम आपको अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में आपकी यात्रा शुरू करने के लिए आवश्यक कदमों के बारे में बताएंगे।
1. अपने क्षेत्र पर शोध करें और उसे पहचानें - :
अपने लक्षित बाज़ार में मांग वाले उत्पादों की पहचान करने के लिए बाज़ार अनुसंधान करें । संभावित क्षेत्रों को सीमित करने के लिए अपनी विशेषज्ञता और रुचियों पर विचार करें ।
2) एक व्यवसाय योजना विकसित करें-:
अपने व्यावसायिक लक्ष्यों, लक्षित बाज़ारो और प्रतिस्पर्धी रणनीति की रूपरेखा तैयार करें । वित्तीय अनुमान, वित्त पोषण आवश्यकताएं और विपणन योजनाएं शामिल करें ।
3) कानूनी आवश्यकताएं और दस्तावेज़ीकरण - :
अपना व्यवसाय पंजीकृत करें और आवश्यक लाइसेंस और परमिट प्राप्त करें । अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं से खुद को परिचित करें
4) एक विश्वसनीय नेटवर्क बनाएं - :
माल की सोर्सिंग के लिए आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं के साथ संबंध स्थापित करें । माल अग्रेषण कर्ता सीमा शुल्क दलालों और लॉजिस्टिक्स भागीदारों से जुड़ें ।
5) मूल्य निर्धारण और भुगतान शर्तें-:
प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण रण नितियां निर्धारित करें । गलतफहमी से बचने के लिए आपूर्तिकर्ताओं और खरीदारों के साथ भुगतान की शर्तों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें ।
6) सुरक्षित वित्तपोषण - :
शुरुआती खर्चों और कार्यशील पूंजी को कवर करने के लिए वित्तपोषण विकल्पों का पता लगाएं । अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के प्रबंधन के लिए व्यापार वित्त समाधानों पर विचार करें ।
7) रसद और शिपिंग -.
इनको टर्म्स सहित शिपिंग और लॉजिस्टिक्स प्रक्रियाओं को समझें । समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय शिपिंग कंपनियों के साथ साझेदारी करें ।
8) गुणवत्ता नियंत्रण और अनुपालन-:
आपके द्वारा आयात किए जाने वाले उत्पादों के लिए एक मजबूत गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रिया लागू करें । उद्योग मानकों और अनुपालन आवश्यकताओं के बारे में सूचित रहें ।
9) एक मजबूत ऑनलाइन उपस्थिति विकसित करें-:
अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने वाली एक पेशेवर वेबसाइट बनाएं । मार्केटिंग और नेटवर्किंग के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का लाभ उठाएं ।
10) जोखिम कम करें-: बीमा कवरेज जैसी जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को लागू करें । उन भू- राजनीतिक और आर्थिक कारकों के बारे में सूचित रहें जो आपके व्यवसाय को प्रभावित कर सकते हैं ।
11) सूचित रहें और अनुकूलन करें-: उद्योग के रुझानों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीतियों में बदलावों से अवगत रहें । अनुकूलनीय बनें और बाज़ार की गतिशीलता के आधार पर अपनी रणनीतियों को समायोजित करने के लिए तैयार रहें । निष्कर्ष आयात- निर्यात व्यवसाय शुरू करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना, नेटवर्किंग और वैश्विक बाजार की गहरी समझ की आवश्यकता होती है
इन चरणों का पालन करके और सूचित रहकर, आप अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की गतिशील दुनिया में एक सफल उद्यम बना सकते हैं । याद रखें, धैर्य और दृढ़ता चुनौतियों पर काबू पाने और दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने की कुंजी हैं । आपको कामयाबी मिलें!
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