Agriculture Business In Hindi

 

Agriculture Business In Hindi 

कृषि आधारित बिजनेस  हिंदी में

कृषि आधारित व्यवसाय

 1) मशरूम फार्मिंग - 
 2) पोल्ट्री फार्म 
 3) मछली पालन- 
4) बांस की खेती
5) हाइड्रोपोनिक स्टोर ( hydroponic Store)
6) डेअरी उद्योग 
7) फुलवारी
8) पेड़ो का
9) मधुमक्खी पालन

प्रायमरी स्कूल से ही पड़ते आ रहे है की भारत एक कृषीय प्रधान देश है । चिन  यूएसए  ब्राझिल फ्रांस , मेक्सीको इन देशों के टॉप 10 कंट्रीज  देश में इंडिया भी गिना जाता है। ट्रेडिशनल खेती के साथ - साथ इंडिया में ऑर्गेनिक खेती की डिमांड भी बढ़ ने लगी है । और यहां के उगाई चीज़ें एक्सपोर्ट भी हो रही है । अगर आप एग्रीकल्चर बिजनेस में अपना विश्वास आजमाने चाहते हो तो ऐसा नही की आपको खेती ही करनी पड़ेगी खेती के अलावा कई ऐसे बिजनेस है की आप अपना किस्मत आजमा सकते हो तो ऐसे कोण से बिजनेस आयडिया है जो काफी तेजी से बढ़ रही है और जिनमें बिजनेस करना आपको फायदे में रख सकते है

 1) मशरूम फार्मिंग - 

अगर आप किसी होटल में जाते हो तो वेटर आपको मशरूम या पनीर की बारे में बताता है । अगर आप गूगल में मशरूम के बारे में सर्च करते हो तो मालूम पड़ेगें की मटन से भी मशरूम मे प्रोटींस कितनी ज्यादा है। मशरूम की खेती इंडिया में एक बढता ट्रेंड है । इंडिया में बटन मशरूम की बडी मांग है । इसलिए इंडिया में ज्यादातर मशरूम ही उगाया जाता है मशरूम के लिए नाही आपको हल चलाना होती है , नाही बहुत जमीन की आवश्यकता होती है । आप 10X10 की छोटी सी कमरे में भी मशरूम की फार्मिंग शुरू कर सकते है । मशरूम की सबसे अच्छे बात यह है की साल के 8 महिने में उगाया जाता है । इंडिया में मशरूम के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है । मार्च से अक्टूबर लेकीन इसकी खेती इंडोर याने बंद कमरे में होती है । , अगर इसकी उगने की टेंपरेचर को कंट्रोल किया जाय तो सालभर मे ही इसकी खेती  पॉसिबल लायक है । अगर मशरूम की ज्यादा जानकारी नहीं है तो बढी आसानी से इसकी ट्रेनिंग ले जा सकती है । ओरिसा , कर्नाटका , महाराष्ट्र , में नॉर्थवेस्टर्न  आंध्रप्रदेश , मध्य प्रदेश , वेस्ट बंगाल , उत्तराखंड मशरूम उगाने में सबसे आगे है । लेकिन अब इसकी खेती दुसरे राज्य में भी बढ़ रही है । सिर्फ 10 x10 बंद कमरे में इसकी खेती कर सकते हो । 20 हजार खर्च करके मशरूम की सारी बारिकियां सिक सकते है । आप अपने एग्रीकल्चर ट्रेनिंग सेंटर में इसके बारे में पता लगा सकते है । या जो इसकी सफल खेती कर रहा है । वहां से नॉलेज ले सकते हो ,  यूटयूब  चैनल पर आप इसकी अधिक जानकारी ले सकते हैं ।

 2) पोल्ट्री फार्म 

पोल्ट्री फार्म में आप इसलिए भी सोच सकते है की इंडिया एग प्रोडक्शन में तीसरे नंबर पर है। और चिकन मांस प्रोडक्शन में पांचवें नंबर है। अगर इडिया में पोल्ट्री फार्म के बारे में सोच सकते हो तो इसमें इनवेस्टमेंट  50 हजार से 1.5 लाख करनी होती है। बढे लेवल पर ज्यादा इनवेस्टमेंट करनी होगी । मुर्गी पालन दो प्रकार से होती है देसी और बॉयलर ,बॉयलर तुलना में देसी मुर्ग का रखरखाव शिकायत कम होती है। सबसे पहले आपको फार्मिंग लैन्ड देखनी होगी जहा आप पोल्ट्री फार्म खोलने चाहते हो यह आपके बिजनेस साइज पर डिपेंड करेगा उसके बाद  यो को रखने से लेकर उन्हे खुले आम की फैसलिटी रखनी होगी उनकी सिक्यूरिटीज, दानापानी, देखभाल, साफ - सफाई के लिए मैनपॉवर की जरूरत पड़ेगी पोल्ट्री  मुर्गियों की कोन सी प्रजाती अच्छी होती है जो अंडे और मांस प्रोडक्शन के लिए बेहतर होती है। वैसे दो तीन वरायटी चुननी होगी उसके बाद आपके बिजनेस का नाम रखना होगा ओर नजदीकी पशुपालन की रजिस्ट्रेशन करनी होगी अगर आपके पास ज्यादा बजट नही तो पार्टनर के साथ बिजनेस या बिजनेस लोन के लिए भी अप्लाय कर सकते हो आपके फार्म की मार्केटिंग करनी होगी प्रोडक्ट के लिए होलसेल, बायर, रिटेलर खोजना होगा अपनी एरिया में जाकर फार्मर से जानकारी ले पशुपालन निदेशालय में मुर्ग पालन योजना के तहत ऑनलाईन अप्लाय करके भी आप प्रशिक्षण ले सकते हो

3) मछली पालन- 

मोदी सरकार ने KCC में मछली पालन को सामिल कर दिया है । जिसमें की 75 % लोन दि जाती है । साथ ही इसमे कुछ सब्सीडी भी दि जाती है । मछली पालन में सालाना खर्च 2500 हजार तक आता है । जबकि प्रॉफिट 1.5 लाख तक ले सकते है । 200 से 300 किलो रूपये में  मछली बिक जाती है । उन्नत किस्में है रोबो , कतला  सिल्वा , मैना . जिले के मछली पालन विभाग से प्रशिक्षण ले सकते है । तालाब में मछली  पालने जगह राउंड शेफ वॉटर टैंकरों में मछली पालना अच्छा होता है । तालाब में मछली पालने के मुकाबले यह कम खर्चिला है । और इसमें प्रोडक्शन भी ज्यादा मिलता है । 4 मीटर से 2.5 मीटर का खर्च 30 से 50 हजार तक आता है । जिसमें साल के 1000 से 1200 कीलों मछली का उत्पादन हो सकता है । आप अपने कैपीटल के हिसाब से फिश  टैंक कम या ज्यादा रख सकते है । मछली पालने के लिए 24 घंटे इलेक्ट्रीसीटी की जरूरत पड़ती है । क्योंकि इस तकनिक में पाणी के अंदर जो बैक्टेरिया पालता है उसे 24 घंटे हवा की जरूरत पड़ती है । तो बेसिकली आप को इन्वर्टर चाहिए होगा । अलग - अलग मछलीयां अलग - अलग टेम्परेचर में रहती है । तो उनके लिए वैसा माहोल बनाना पड़ता है । मछली को खिलाने से लेकर उनकी देखभाल कॉस्ट को छोड़कर टैंक में 500 से 600 मछलियां है । 4 महिने में एक टैंक से 20 से 25 हजार कमाया जा सकता है ।लेकिन यह काम पूरी करने से पहले पूरी जानकारी ट्रेनिंग जरूर ले लिजिए ताकी आप अपनी इनकम को बडा सके

 4) मधुमक्खी पालन 

इसमें औषधी गुण होने के कारण आयुर्वेद और मेडिकल सेक्टर में इसका इस्तमाल होता है । इसे खाया भी जाता है । मधुमक्खी पालने के लिए बहुत बडी जमीन की आवश्यकता नही होती एक छोटी सी जमीन  के तूकडे , छत पर पिछवाड़े  में आप इने पाल सकते है । मधुमक्खी पालने के लिए आप बॉक्स बनवा सकते है । या खरीद ला  सकते है । मधुमक्खी पालने के लिए आप ऐसा मौसम चुनिए की फुल और पौधे का खिलने का सिजेन होता है । क्यो के मधुमक्खी ओंको पराग खोजने की जरूरत नही पड़ेगी । और आपको अच्छा प्रोडक्शन मिल जाएगा किसी भी दुसरे एग्रीकल्चर के लिए बीज लाने पड़ते है वैसे ही आपको अच्छे प्रजाती के मधुमक्खी लाने होंगे उनकी अच्छी कॉलोनी बसानी होगी हर सात से दस दिन का एक बॉक्स का इनपेक्शन करना होगा यह उम्मीद  मत रखना की पहले ही साल से आपको अच्छा प्रोडक्शन मिले  पहले साल से आप सिखते हुए  आगे बढ़ेंगे ,   आप दुसरे साल सेही प्रॉफिट कमा सकते है । याद  रखिए आप जहा भी इसकी फार्मिंग करेंगे वहा आस - पास ढेर सारे फुल , सब्जी , या फुलों के पोंधे हो इसके  लिए बॉक्स के आसपास आप खुद भी पोंधे लगा सकते है । जिसे आपको भी तरह - तरह के फ्रूट्स मिल सके इस काम को  शुरू करने से पहले आप अच्छी ट्रेनिंग ले लेते है तो आप बहुत आगे बड़ बड़गे

5) हाइड्रोपोनिक स्टोर ( hydroponic Store)

ज्यादातर लोग यही सोचते है की खेती सिर्फ जमिन पर ही होती है । लेकीन आजकल पानी पर खेती करना डिमांड बड़ता जा रहा है । इसे हाइड्रोपोनिक टेकनिक कहते है । फ्रेश वॉटर सप्लाय करके पत्तेदार फ्रेश वेजिटेबल्स को उगाया जाता है । अगर आप इस तकनिक में युज होनेवाला स्टोर खोलते है । तो यह एक बिजनेस मॉडेल बन सकता है । सवाल यह उठता है की जो भी चीज अच्छा  उगायेंगे  मिट्टी के बजाय न्युट्रीशन कहा से मिलेगी तो इसका जवाब है पानी, जी हां  इसके लिए पाणी में ही न्युट्रीशन मिलाया जा सकता जैसे मिट्टी में ही खाद या कंपोस्ट डालते हो आने वाले इस खेती का और भी ट्रेंड बढता जाएगा क्योंकी जमिन महंगी हो रही है ।  और मेट्रो सिट्टी में जमिन के भाव करोड़ों में है । तो फ्युचर की सोचकर आप इस बिजनेस में आप उत्तर सकते है ।

 6) डेअरी उद्योग 

डेअरी व्यवसाय के से शुरू करे ?

आज के लिए डेअरी का कारोबार तुम्हारे लिए फायदेमंद हो सकता है । आपको एक अच्छे गाय 30 हजार किमत में और भैंस 50 से 60 हजार में मिल सकता है । आप एक या दो पशुओं के  साथ अपना कारोबार शुरू कर सकते है । ध्यान रहे दूध का कारोबार स्वर्निय है । आप कंपनीयों से संपर्क कर सकते हैं । या लोकल स्तर पर दुध बेचनेवाले  से भी संपर्क कर सकते है ।

7) फुलवारी 

आज फुलों की डिमांड बहुत ज्यादा है । आप कही भी लीज पर थोड़ी सी जमिन लेकर फुलों की खेती कर सकते हो । कही ऑनलाईन वेबसाइट पर संपर्क करके सीधे  अपनी फुल बेच सकते हो । सुरजमुखी , गुलाब , गेंदे की खेती बेहद फायदे की है । ये बिजनेस आपको मालामाल कर देगा 

8) पेड़ो का

अगर आपके पास एक या दो भीगे की भी खेती है। आप उसमें शीसम,सागवान, जैसे कीमती पेड़ लगा सकते हो व्यवस्थापन से की गई खेती से आठ से दस साल बाद ये आपको करोड़पती बना सकते है ध्यान रहे 40 हजार किमत एक शीसम बिकी जाती है । सागवन का पेड़ उससे भी कीमती होती है ।

9) बांस की खेती

बास ऐसा पेड़ है जिसे कही तरीके की रचनात्मक वस्तुएं बनाते है ।मेद से लेकर झोपडी, घर बन जाते है इसपर काम करनेवाले कंपनीयों को इसकी खुब जरुरत होती है। तो 100 पेड़ों से उत्पादन 500 क्विंटल बांस है और उसे बेचेगा इस हिसाब से उसकी कमाइ 1.5 लाख कि करीब होगी

 10) एलोवेरा

एलोवेरा की खेती एक भीगा जमिन में इसके 2500 पोंधे लग सकते है और पाच छ हजार खर्च आता है साल भर में चार पाच बार सिंचाई और चोराई की जरूरत होती है इसमें रासायनिक खाद और कीटक नाशक की कोही जरूरत नही पड़ती। यही नही ओला वृष्टि, पाला और बेमौसम बारिश की भी इसपर असर नही पड़ती एलोवेरा कम छाया के साथ उगाया जाता है। सालभर में दो बार इसकी पत्ते काटते है।

 11) बकरी पालन 

25 से 33 % केंद्र और राज्य बकरी पालन के लिए अनुदान दिया जाता है । एक बकरी के लिए  12×12 , फिट बकरी के बच्चे के लिए 8x8 फिट जगह की आवश्यकता होती है । दूध और मांस के आधार पर बकरी पालन करना चाहि  साथ ही अलग - अलग एरिया में अलग - अलग नस्ल के अनुकूल होते है । बकरी पौधों की हरि पत्ती , ताजा घास , खाना पसंद करती है । साथ ही सात से बारा महिने में यह तयार हो जाते है । बकरी की दुधारू नस्ले है । सुरती , बरबरी , एंग्लोन्युबीयन जमुनापारी , जबकि मांस उत्पादन के नस्ले है , मारवाडी , उस्मानाबादी, सिरोही 

12) वर्मीकम्पोस्ट 

वर्मी कंपोस्ट कै से बनाते है?

केंचुआ खाद कोही वर्मी कंपोस्ट कहते है । सडे हुए गोबर से केचुआ की मदद से केचुआ खाद बनाने वाले प्रोसेस के तहत तयार किया जाता है । इसे तयार करने के लिए सात दिन पुराना गोबर को दो फिट गड्डे में सड़ा कर तयार किया जाता है । या फिर आप इसे रेडिमेड पॉलिथीन आता है । जो कि वर्मी कंपोस्ट के लिए स्पेशल होता है । आप उसमे भी इसे बना सकते है । जैविक खाद आर्गेनिक खाद से सबसे उत्तम कंपोस्ट खाद की वर्मी कंपोस्ट की गिनती होती है । यदी आपके पास खुद का एक एक्टर जमिन भी है । इस बिजनेस को मात्र दस हजार लागत से शुरू कर सकते हो और वर्मी  कंपोस्ट का हर किसान को जरूरत होता है । साथ ही ,आर्गेनिक खेती फलों की बागवानी करने को सेल करके आप अच्छे अर्निंग कर सकते हो

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